अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: स्वयं और समाज के लिए योग - महत्व और फायदे
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: स्वयं और समाज के लिए योग
सभी को सुप्रभात!
आज हम सब यहाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है हमारे शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के इस अद्भुत साधन के बारे में।
योग की वैश्विक पहचान
आप सभी जानते हैं कि हर साल 21 जून को दुनिया भर में योग दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत हमारे देश भारत ने ही की थी। साल 2014 में, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने इसे मान्यता दी। आज, भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 177 से ज़्यादा देशों में योग बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिखाता है कि योग कितना शक्तिशाली और ज़रूरी है!
इस साल की थीम: स्वयं और समाज के लिए योग
इस साल, 2025 की थीम है "स्वयं और समाज के लिए योग"। यह थीम हमें बताती है कि योग सिर्फ अपने लिए नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए है। जब हम स्वस्थ और शांत होते हैं, तो हम अपने आसपास के लोगों और समाज के लिए भी कुछ अच्छा कर पाते हैं।
योग क्या है?
योग भारत की एक बहुत पुरानी परंपरा है। यह सिर्फ कुछ आसन या कसरत नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है। योग हमें सिखाता है कि कैसे अपने शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़कर शांत और संतुलित रखा जाए। जैसा कि महर्षि पतंजलि ने कहा है: "योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः" – इसका मतलब है कि योग मन की चंचलता को शांत करने का तरीका है।
योग के फायदे ही फायदे!
योग के अनगिनत फायदे हैं:
- मानसिक शांति और एकाग्रता: योग करने से हमारा मन शांत होता है और हम बेहतर तरीके से ध्यान लगा पाते हैं।
 - मजबूत और लचीला शरीर: यह हमारे शरीर को मज़बूत और लचीला बनाता है।
 - बीमारियों से बचाव: योग हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा जैसी कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
 - तनाव और डिप्रेशन से मुक्ति: यह तनाव, डिप्रेशन और नींद न आने जैसी समस्याओं को दूर करता है।
 - आध्यात्मिक उन्नति: योग हमें अपने अंदर से जुड़ने में मदद करता है।
 
कुछ खास योग के प्रकार
योग में कई तरह के अभ्यास होते हैं, जैसे:
- हठ योग
 - राज योग
 - ध्यान योग
 - सूर्य नमस्कार
 - प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी)
 
हमारा कर्तव्य: योग को अपनाएं और फैलाएं
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर तनाव और बीमारियों से घिरे रहते हैं। ऐसे में योग ही एक ऐसा रास्ता है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकता है।
हमारा कर्तव्य है कि:
- योग को सिर्फ 21 जून के लिए न रखें, बल्कि इसे अपनी रोज़ की आदत बनाएं।
 - अपने परिवार और दोस्तों को भी योग के फायदे बताएं और उन्हें योग करने के लिए प्रेरित करें।
 
निष्कर्ष
अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा/चाहूंगी कि योग हमारी अनमोल धरोहर है। इसे अपनाकर हम न केवल खुद को बल्कि पूरे समाज को एक स्वस्थ, खुशहाल और सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
आइए, इस योग दिवस 2025 पर हम सभी मिलकर संकल्प लें:
"रोज़ योग करें, स्वस्थ जीवन जिएं, और योग को दुनिया तक पहुंचाएं!"
धन्यवाद!
    जय हिन्द, जय भारत! योगा से ही होगा! 🧘♂️
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